एस्ट्रोसेज के वरिष्ठ पुरोहित के नेतृत्व में सभी पूजा संपन्न की जाती हैं। हमारे प्रतिष्ठित व वरिष्ठ ज्योतिषी, अपनी विद्या की मदद से जन कल्याण का कार्य करते हुए जातकों के दुखों, कष्टों और समस्याओं का निवारण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खास बात ये कि पूजा-पाठ करने वाले हमारे ज्योतिषी व पुरोहित अकादमिक और ज्योतिषीय योग्यता व अनुभव के मापदंडों पर प्रमाणित होते हैं, उन्हें स्वयं एस्ट्रोसेज वैरिफाइड करता है और ये वरिष्ठ पुरोहित पूजा-पाठ के दौरान, आपके हर प्रश्न का सरलता व स्पष्टता से उत्तर देने में पूरी तरह सक्षम होते हैं।
किसी भी पूजन की शुरुआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण व जप के साथ होती है। पूजा में "होम" (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और अन्य पवित्र सामग्री व मंत्र का पाठ करते हुए, अग्नि को अर्पित की जाती है। जातक को इस पूजा से सर्वश्रेष्ठ लाभ देते हुए, उसकी समस्या को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय होता है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र के दिन करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त किया जाता है, जो समय अनुसार पूजा को संपन्न करते हैं ।
पूजन-अनुष्ठानों के दौरान पारंपरिक वैदिक मंत्रों का जप, जातकों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस जप से ही मन, आत्मा और ऊर्जा को शुद्ध करने में मदद मिलती है, जिससे जातक मानसिक शक्ति और कौशल को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होता है। इन वैदिक मंत्रों के जप से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा से वातावरण में शांति और समृद्धि आती है, जिससे सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलती है। पूजा-पाठ के दौरान उससे संबंधित मंत्रों का जाप ही जातक को आध्यात्मिक जागृति की ओर ले जाता है और उसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलना सुनिश्चित होता है। साथ ही मंत्रों की मदद से ही जातक को पूजा से शुभाशुभ परिणाम और आशीर्वाद के लिए देवी-देवताओं को प्रसन्न करने में भी मदद मिलती है।
नहीं, इस अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अनुपस्थित होते हुए भी, इस पूजन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पूजन का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।
ये पूजन आप कर सकते हैं या नहीं? इस सवाल का उत्तर आपको हमारे विद्वान पुरोहित आपसे बात करने के बाद ही बता पाएंगे। हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी लाइव बात करें।
इस पूजन में श्रीफल, धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।
पूजन सामग्री का पूर्ण जिम्मा एस्ट्रोसेज द्वारा किया जाएगा, जिसमें पंडित जी आवश्यकता के अनुसार पूजा से पूर्व समस्त सामग्री की व्यवस्था स्वयं करते हैं।
इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-
इच्छानुसार आप पूजा की शुरुआत में ही पंडित जी से पूजन-संबंधित मंत्र ले सकते हैं। जिसके बाद जब पंडित जी पूजन अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप अपने समय अनुसार अपने घर में उस मंत्र का निरंतर जाप कर, इस पूजन से उत्तम फल प्राप्त कर सकते हैं।
पूजन-अनुष्ठान को पूरा करना, उस पूजा और उसमें शामिल अनुष्ठान पर निर्भर करता है, जिसे हम संपन्न कर रहे हैं। आमतौर पर शुभ दिन व मुहूर्त की उपलब्धता के आधार पर, पूजा करने में लगभग 5 से 10 दिन का समय लगता है। हालांकि जैसे ही आप अपनी आवश्यकता अनुसार कोई ऑनलाइन पूजा बुक करते हैं तो, हमारे द्वारा आपसे संपर्क किया जाता है, जिसमें हमारे विशेषज्ञ आपको पूजा का सम्पूर्ण विवरण देते हुए, आपके द्वारा पूजा समायोजित करने का प्रयास करते हैं।
?????????? ?? ???? ?????? ??!
??? ?? ?????????? ??????????? ?????, ???? ?? ?????? ???????? ??? ??????? ?? ????? ??????????? ???????? ?? ??? ?????? (?????, ????, ?????????, ?????? ????? ???) ????? ?? ????? ???? ???? ???? ??? ?? ???? ??????? ????????? ?????? ?? ?????? ?? ?? ???? ????? ???????? ?? ?????????? ?? ?????? ??????? ???????
?? ???? ??????? ?? ????? ??? ???????? ?? ???? ??????? ???? ???? ??? ?????? ????????, ???????? ?? ????? ??? ?? ?????? ?????????? ???????? ???? ??? ?? ?? ?? ?????? ???? ??? ?? ????? ??? ?? ??????
?? ??????? ?? ????? ????? ???? ?????? ?? ???? ??? ???????? ?? ??????? ???? ????
????? ?????? ???? ?? ?? ????? ??? ??????, ?????? ?? ????????? ??????? ???? 240 ???? ?? ???? ???? ??????? ?? ?????
????? ??? ?????? ?? ?? ????? ???????? ??????, ???????? ?? ??? ?? ???? ????? ?? ????? ???????? ??????? ???? ???????? ?? ????? ???? ?????????? ???